Ghar Se Nikalne Ki Dua in Hindi, Arabic with Tarjuma

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम, अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाहि वबरकातुह, मेरे प्यारे इस्लामी भाई बहनो, Ghar Se Nikalne Ki Dua in Hindi, Arabic with Tarjuma साथ सीखीगे. जब भी कोई मुसलमान घर से बाहर जाता है, तो उसे अल्लाह पर भरोसा करना चाहिए और यह दुआ पढ़नी चाहिए। यह दुआ पढ़ने से इंसान अल्लाह की हिफाज़त और रहमत में रहता है और हर बुराई से महफूज़ रहता है।

Ghar Se Nikalne Ki Dua In Hindi

بِسْمِ اللَّهِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ
बिस्मिल्लाहि तवक्कल्तु अलल्लाहि, ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह
तर्जुमा: अल्लाह के नाम से (मैं निकलता हूँ), मैंने अल्लाह पर भरोसा किया, न कोई ताक़त है और न कोई क़ुव्वत सिवाय अल्लाह के।

बिस्मिल्लाहि तवक्कल्तु अलल्लाहि, ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह

अल्लाह के नाम से (मैं निकलता हूँ), मैंने अल्लाह पर भरोसा किया, न कोई ताक़त है और न कोई क़ुव्वत सिवाय अल्लाह के।

  1. अल्लाह का नाम लेना (بِسْمِ اللَّهِ – Bismillah): इस दुआ की शुरुआत “बिस्मिल्लाह” से होती है, जिसका मतलब है “अल्लाह के नाम से।”
    • यह हमें याद दिलाता है कि हर काम अल्लाह के नाम से शुरू करना चाहिए ताकि उसमें बरकत हो।
    • अल्लाह के नाम के ज़रिए हम उसकी रहमत और मदद की दुआ करते हैं।
  2. अल्लाह पर भरोसा (تَوَكَّلْتُ عَلَى اللَّهِ – Tawakkaltu ‘Alallah): मैंने अल्लाह पर भरोसा किया” कहकर हम अल्लाह पर पूरा यक़ीन और तवक्कुल (भरोसा) जताते हैं।
    • इसका मतलब है कि हम हर हाल में अल्लाह की मदद पर निर्भर रहते हैं।
    • क़ुरआन में अल्लाह फ़रमाता है: जो अल्लाह पर भरोसा करता है, अल्लाह उसे काफी होता है।” (सूरह अत-तलाक़ 65:3)
  3. ताक़त और क़ुव्वत सिर्फ़ अल्लाह की (لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللَّهِ – La Hawla Wala Quwwata Illa Billah): इसका मतलब है कि “न कोई ताक़त है और न कोई क़ुव्वत सिवाय अल्लाह के।”
    • इंसान को यह एहसास होना चाहिए कि उसकी कोई ताक़त नहीं, सब कुछ अल्लाह के हुक्म से होता है।
    • यह जुमला यह भी बताता है कि हर मुश्किल और परेशानी से निकलने का रास्ता अल्लाह ही के पास है।
  1. शैतान से हिफ़ाज़त: शैतान इंसान को नुकसान नहीं पहुंचा सकता, क्योंकि अल्लाह की हिफ़ाज़त में आ जाता है।
  2. हर काम में बरकत:  जब इंसान अल्लाह के नाम से घर से निकलता है, तो अल्लाह उसे हर काम में बरकत अता करता है।उसके काम आसान हो जाते हैं और मुश्किलें हल हो जाती हैं।
  3. रुहानी और जिस्मानी ताक़त: यह दुआ पढ़ने से दिल को सुकून मिलता है और इंसान के अंदर हिम्मत और हौसला बढ़ता है।अल्लाह की मदद पर यक़ीन और भरोसा मज़बूत होता है।

अल्लाह हम सबको अपनी हिफ़ाज़त में रखे और सही राह पर चलने की तौफ़ीक़ अता करे, आमीन!

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